PM Modi’s Pariksha Pe Charaha: PM मोदी ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के दौरान छात्रों को दिए कुछ अनोखे टिप्स जिनको जरूर सुनना चाहिए।
PM Modi’s Pariksha Pe Charaha:परीक्षा पे चर्चा’ 2024 के दौरान पीएम मोदी ने छात्रों को संबोधित किया और उनसे बातचीत की। छात्रों के साथ बातचीत करते हुए, उन्होंने परीक्षा के दबाव और उसकी नकारात्मकता से निपटने के बारे में बात की।
उन्होंने कहा कि जिस तरह हम किसी हिल स्टेशन पर जाने से कई दिन पहले खुद को मानसिक रूप से ठंडे मौसम के लिए तैयार करते हैं, उसी तरह छात्रों को परीक्षाएं शुरू होने से काफी पहले, खुद को परीक्षा की परिस्थितियों के लिए मानसिक रूप से तैयार करना चाहिए। इसका कारण यह है कि छात्र किसी स्विच को दबाने की तरह, एक आसान प्रयास से परीक्षा के दबाव को दूर नहीं कर सकते। हमें अपने बच्चों को चुनौतियों का डटकर सामना करना सिखाकर उन्हें दबाव के प्रति लचीला बनाना चाहिए।
PM Modi’s Exam Tips:
29 जनवरी को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा पर चर्चा 2024 के सातवें संस्करण में बोर्ड परीक्षा के छात्रों के साथ बातचीत की इस दौरान उन्होंने करोड़ों विद्यार्थियों से बात की। इस बातचीत के दौरान उन्होंने विद्यार्थी के जीवन में एग्जाम में उत्तीर्ण होने के लिए कुछ अनोखे टिप्स दिए जिनको जरूर सुनना चाहिए जो कि नीचे निम्नलिखित रूप से दिया गया है।
एक्सरसाइज के साथ साथ पढ़ाई
पीएम मोदी जी ने कहा कि कुछ भी करने के लिए स्वस्थ शरीर का होना बहुत जरूरी है रोजाना व्यायाम करना चाहिए पढ़ाई के साथ-साथ 5-10 मिनट फिजिकल एक्टिविटी होनी चाहिए। जैसे मोबाइल को रिचार्ज करना होता है, वैसे शरीर को भी रिचार्ज करने की जरूरत होती है। स्वस्थ मन के लिए स्वस्थ शरीर की आवश्यकता होती है, कम नींद स्वास्थ्य के लिए अनुचित है।
तुलना न करें
प्रधानमंत्री मोदी जी ने बच्चों और खासकर अभिभावकों से कहा की तुलना हमेशा सकारात्मक होनी चाहिए। अभिभावक कभी भी अपने बच्चों की तुलना किसी और से ना करें। जीवन में प्रतियोगिता होनी चाहिए लेकिन यह हेल्दी कंपटीशन होना चाहिए।
घबराहट पर काबू
पीएम मोदी जी ने कहा बच्चों को मस्ती में जीने दीजिए। परीक्षा के दौरान पेरेंट्स अपने बच्चों के साथ सामान्य दिनों की तरह बर्ताव करें। एग्जाम में सबसे बड़ी चैलेंज होती है लिखना अगर लेखन की शैली को मजबूत कर लिया जाए तो फिर आप एग्जाम में प्रेशर फील नहीं करेंगे।
सफलता का मंत्र
नरेंद्र मोदी ने कहा की इच्छा शक्ति से सफलता हासिल कर सकते हैं। हमें दबाव से निपटने की कला को जल्दबाजी में नहीं बल्कि धीरे-धीरे लागू करना चाहिए। प्रेशर को संभालना सिर्फ विद्यार्थी का काम ही नहीं है। इसकी जिम्मेदारी शिक्षकों और अभिभावकों पर भी है।
स्ट्रीम चुनना
पीएम मोदी ने कहा कि अक्सर छात्र-छात्राएं दूसरे के सलाह पर निर्भर होते हैं। दुविधा और और निर्णय क्या था? सबसे बुरी स्थिति है, अपने करियर के लिए निर्णय लेने से पहले सबसे पहलुओं की जांच करें। हम अपने आप को कम नहीं आंकनी चाहिए जो भी चुने उसके लिए पूरी लगन से जुट जाना चाहिए।
अच्छी प्रैक्टिस
पीएम मोदी ने कहा कि पानी कितना भी गहरा क्यों ना हो जो तैरना जानता है वह पर हो ही जाता है। आप जितना अधिक अभ्यास करेंगे आप उतने ही अधिक अस्वस्थ होंगे इस तरह प्रश्न पत्र कितना भी कठिन क्यों ना हो यदि आपने अच्छी प्रैक्टिस की है, तो आप अच्छा प्रदर्शन करेंगे। अपना फोकस ओंन यू रखें आप क्या हैं? आप क्या करते हैं और आप क्या अभ्यास करते हैं? यही आपका भविष्य तय करता है।
टेंशन को भगाए
निर्णायक बनने की आदत विकसित करनी चाहिए। किसी को भी भ्रम में नहीं रहना चाहिए। अगर कोई भ्रम है तो हमें उसे पर बात करनी चाहिए उसे सुलझाना चाहिए और आगे बैठना चाहिए टेंशन नहीं लेना चाहिए।
पेरेंट्स से बात करें
एक विद्यार्थी होने के नाते जरूर सोचे कि आपने अपने पेरेंट्स को कहा है क्या आप उसका पालन कर रहे हैं।यदि ऐसा करते हैं तो उनका आप पर विश्वास बनेगा इसी प्रकार माता-पिता और शिक्षकों को बच्चों के साथ खुलापन रखना चाहिए। अच्छे नंबर लाने वाले छात्र पर ही फोकस ना करें बल्कि सभी छात्र-छात्रा का आत्मविश्वास बढ़ाएं।
सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल
मोबाइल का इस्तेमाल करें टेक्नोलॉजी से दूर नहीं भाग सकते लेकिन उनका सही इस्तेमाल करना चाहिए। मोबाइल स्क्रीन का पासवर्ड परिवार के सदस्य को पता होनी चाहिए। पीएम मोदी ने कहा मेरे कुछ नियम होने चाहिए खाना खाते समय कोई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का प्रयोग न करने का नियम बनाएं घर में नौ गैजट जोन बनना चाहिए।
पीएम ने दिए कई सवालों के रोचक जवाब
आप अपने बिजी लाइफ़ में कैसे सकारात्मक रहते हैं।पीएम मोदी – मुझे अच्छा लगा कि आप लोगों को पता है कि प्रधानमंत्री को कितना कुछ प्रेशर झेलना पड़ता है। मेरी प्रकृति है कि मैं हर चुनौती को चुनौती देता हूं। चुनौती जाएगी और स्थितियां सुधर जाएगी इसका मैं इंतजार नहीं करता। मेरे भीतर एक बड़ा कांफिडेंस है. कुछ भी हो 140 करोड़ देशवासी मेरे साथ हैं। अगर 100 मिलियन चुनौतियां हैं तो बिलियन से बिलियन उसके समाधान हैं। मुझे पता है कि मेरे देश के लोग साथ हैं। सामर्थ्यवान हैं। मुझे लगता है कि 140 करोड़ हैं संभल जाएगा। चुनौती से लड़ने के लिए आगे मुझे रहना होगा लेकिन सब संभल जाएगा।